बुधवार, 5 सितंबर 2018

कविता : बारिश का दिन आया

" बारिश का दिन आया "

पहले काले  बादलों ने डराया ,  
फिर पानी खूब बरसाया | 
बारिश का दिन आया ,  
बूंदों का भंडार लाया | 
गर्मी का तापमान गिराया ,  
मेंढक भी खूब टर्र - टर्रया | 
किसानों का भी मन बहलाया ,  
बंजर जमीं को खूब भिगाया | 
बारिश का यही है माया , 
कहीं धुप और कहीं छाया | 

कवि : कामता कुमार ,   कक्षा : 7th ,   अपना घर 

कवि परिचय : यह हैं कामता जो की बार के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। कामता को एक दूसरों की मदद करना बहुत अच्छा लगता हैं | कामता बड़े होकर कुछ होनहार काम करना चाहते हैं | 

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