बुधवार, 15 अगस्त 2018

कविता : मिलकर एक दुनियाँ बनाएँ

" मिलकर एक दुनियाँ बनाएँ "

आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ  बनाएँ ,
जिसमें कोई भेद - भाव नहीं हो | 
हर कोई हंसी और ख़ुशी से जीते हो ,
कोई हिन्दू - मुश्लिम न कहलाते हो  | 
आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ बनाएँ, 
जिसमें कोई गरीब अमीर नहीं होता | 
हर कोई एक दूसरे के साथ रहता,  
कोई भी जाति  धर्म नहीं  होता | 
हर एक त्यौहार को मिलकर मनाते, 
आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ बनाएँ |  

कवि : रविकिशन ,  कक्षा : 9th ,  अपना घर 

कवि परिचय : यह हैं रविकिशन जो की बिहार के रहने वाले हैं और बहुत ही हसमुख चेहरे के हैं | रविकिशन बड़े होकर एक राष्ट्रपति बनना चाहते हैं | रविकिशन को राजनितिक में बहुत ही रूचि हैं | रविकिशन पढाई में बहुत अच्छे हैं | रविकिशन की कवितायेँ बहुत ही अच्छी होती हैं | 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें