शनिवार, 23 जून 2018

कविता : दिन का उदय

" दिन का उदय "

दिन का तू ख्याल मत रख, 
सुबह भी होगी शाम भी होगी | 
वहीं धुप होगी वहीं शाम होगी,
सूर्य चंद्र के प्रकाश क मिश्रण होगा |  
बहार भी चलेगी, विचार भी बहेगा, 
नई नई सोच का उदय भी होगा | 
 सौदागर के पथ को बुनकर कहेगा, 
राही चलेगा तो राह भी साथ चलेगी |
 दिन का तू ख्याल मत रख, 
सुबह भी होगी शाम भी होगी |  

कवि : राज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर


कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जो कि हमीरपुर के रहने वाले हैं | राज को राजनीती बहुत पसंद है और वह पढ़ - लिखकर एक पॉलिटिशियन बनना चाहता है | राज पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत करता है | राज मन से बहुत कठोर पर बातचीत में सभ्य हैं | राज कवितायेँ बहुत अच्छी लिखते हैं | 

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