शुक्रवार, 15 जून 2018

कविता : रोशनी

" रोशनी "

जिंदगी को चमकाने एक रोशनी आई ,
उस रोशनी में कुछ बात थी | 
जब जिंदगी में ये नहीं आयी थी,
मेरी जिंदगी में उस वक्त काली रात थी | 
रात को भगाने  वाली उस रौशनी में, 
कुछ तो ऐसी बात थी | 
हमें इसी रोशनी की आस थी,
जिंदगी को चमकाने वाली एक रौशनी आई |  
जिसमें कुछ ऐसी बात थी | | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 


कवि परिचय : यह है समीर जो की इलाहाबाद के रहने वाले हैं | समीर कवितायेँ लिखने के साथ - साथ गीत भी बहुत अच्छा गाते हैं | क्रिकेट खेलना इनका शौक है | समीर स्वभाव से बहुत दयालु और मन से चंचल हैं |  

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