" छोटा बच्चा "
जब मैं छोटा सा बच्चा था,
कितना खुश मैं रहता था |
सारी दुनियाँ को भूलकर मैं,
सिर्फ जीवन ही सोचता था |
माँ का मुझको प्यार मिला जब,
पापा ने भी दुलारा मुझे तब |
नाचता था झूम झूमकर तब,
घूम - घूमकर दुनियाँ जब |
संसार को माना घर तब,
माता पिता थे भगवान जब |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार और यह बहुत ही अच्छी -अच्छी कवितायेँ लिखते हैं | समीर को कवितायेँ लिखने के साथ - साथ गीत गाना भी आता है | मन से बहुत ही अच्छे हैं |
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