गुरुवार, 17 मई 2018

कविता : छोटा बच्चा

" छोटा बच्चा "

जब मैं छोटा सा बच्चा था, 
कितना खुश मैं रहता था | 
सारी दुनियाँ को भूलकर मैं, 
सिर्फ जीवन ही सोचता था | 
माँ का मुझको प्यार मिला जब, 
पापा ने भी दुलारा मुझे तब | 
नाचता था झूम झूमकर तब, 
घूम - घूमकर दुनियाँ जब | 
संसार को माना घर तब,
माता पिता थे भगवान जब | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 


कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार और यह बहुत ही अच्छी -अच्छी कवितायेँ लिखते हैं | समीर को कवितायेँ लिखने के साथ - साथ गीत गाना भी आता है | मन से बहुत ही अच्छे हैं | 

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