रविवार, 25 मार्च 2018

कविता : एक बात

" एक बात "

सपनों में पली एक बात, 
नहीं बता पायेंगें हम | 
नहीं रहेगी ये खुदगर्ज दुनियाँ,, 
नहीं रहेंगें हम | 
बढ़ गई है ये दुनिया, 
नहीं बदले हम | 
दुनियाँ की खोज में,
 निकल पड़े हम |  
 नहीं मिली दुनिया, 
यहीं रह गए हम | 

नाम :  नितीश कुमार, कक्षा : 7th , अपना घर


कवि परिचय : यह हैं नितीश जो की बिहार के रहने वाले हैं | नितीश पढ़ाई में हमेशा कोशिश करते रहते हैं | कवितायेँ भी बहुत अच्छा लिखते हैं |  

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