सोमवार, 19 मार्च 2018

कविता : मौसम

" मौसम "

क्या मौसम  आया है,
सूरज भी कहर बरसाया है |
गर्मी से लोग हो गए बेहाल, 
पसीने ने कर दिया बुराहाल | 
बच्चे भी हो गए परेशान, 
छुट्टियाँ करेंगी काम आसान |
अभी बचे है चार महीने लगातार,
न जाने क्या होगा अपना हाल | 
क्या मौसम  आया है,
सूरज भी कहर बरसाया है | 

नाम : कुलदीप कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर 


कवि परिचय : य ह हैं कुलदीप जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | डांस न इनका मनपसंद चीज हैं | कवितायेँ कम  लिखते हैं लेकिन मस्त कविता लिखते हैं | 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें