सोमवार, 1 जनवरी 2018

कविता : "याद तेरी आती है "

"याद तेरी  आती है "

याद तेरी  आती है, 
मन ही मन में मुस्कुराता हूँ मैं | 
फूल के पंख झड़ जाते है जब, 
सावन  भी रूठ  जाता है तब | 
कभी भी बातें न करूंगा इंकार, 
फूलों में लगा दूंगा चार स्टार | 
नई मोड़ में करता हूँ इंतज़ार,
ढूंढ सको तो ढूढ़ लो नया संसार | 

नाम : ओमप्रकाश , कक्षा : 6th , अपनाघर 

कवि परिचय : ओमप्रकाश छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं इनके परिजन कानपूर में रहकर मजदूरी का कार्य कर रहे हैं | ड्राइंग बहुत अच्छा बना लेते है साथ ही साथ कविताएं भी लिख लेते हैं | 

1 टिप्पणी:

  1. बहुत अच्छी बाल रचना प्रस्तुति
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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