शनिवार, 25 नवंबर 2017

कविता : उठो जवानों

" उठो जवानों " 

कब तक सोए रहोगे जवानों, 
अब तुमको उठ कर दिखलाना है | 
चाहे हो मुसीबतों का पहाड़, 
इससे भी ऊँची छलांग लगाना है | 
अपने हक़ के हक़दार बानों, 
गलतियों से तुमको लड़ना है | 
शरहद के पार होकर भी, 
एक टारे की तरह चमकना है | 
अब मत सोओ आलस के बन्दों, 
अब तुमको भी लड़ना है | 

कवि :प्रांजुल कुमार , कक्षा : 8th , अपनाघर 

कवि परिचय : छत्तीसगढ़ के रहने वाले प्रांजुल ने लगभग बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कविता बलिखने का गुड़ अपने भइआ लोगो से सीखा है| पढ़ाई में अच्छे होने के साथ - साथ गतिविधियों भी बहुत अच्छे हैं | हमें उम्मीद है की आने वाले समय में एक महँ कवि बनेगें | 

3 टिप्‍पणियां:

  1. महिला रचनाकारों का योगदान हिंदी ब्लॉगिंग जगत में कितना महत्वपूर्ण है ? यह आपको तय करना है ! आपके विचार इन सशक्त रचनाकारों के लिए उतना ही महत्व रखते हैं जितना देश के लिए लोकतंत्रात्मक प्रणाली। आप सब का हृदय से स्वागत है इन महिला रचनाकारों के सृजनात्मक मेले में। सोमवार २७ नवंबर २०१७ को ''पांच लिंकों का आनंद'' परिवार आपको आमंत्रित करता है। ................. http://halchalwith5links.blogspot.com आपके प्रतीक्षा में ! "एकलव्य"

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  2. बहुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति बधाई
    जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  3. आप सभी सुधीजनों को "एकलव्य" का प्रणाम व अभिनन्दन। आप सभी से आदरपूर्वक अनुरोध है कि 'पांच लिंकों का आनंद' के अगले विशेषांक हेतु अपनी अथवा अपने पसंद के किसी भी रचनाकार की रचनाओं का लिंक हमें आगामी रविवार(दिनांक ०३ दिसंबर २०१७ ) तक प्रेषित करें। आप हमें ई -मेल इस पते पर करें dhruvsinghvns@gmail.com
    हमारा प्रयास आपको एक उचित मंच उपलब्ध कराना !
    तो आइये एक कारवां बनायें। एक मंच,सशक्त मंच ! सादर

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