" ऐ खुदा कुछ ऐसा कर "
ऐ खुदा कुछ ऐसा कर,
कि मेरी जिंदगी सुधर जाए |
काश कुछ ऐसा हो,
जिस पर मैं चल सकूं |
की झुक जाए सारा संसार
तेरी ही बल पर जिऊँ,
तेरी ही शरण में मरूँ |
काश कोई दे रह मुझे,
चाहे जिऊँ या मरूँ |
ये परवाह नहीं मिझे,
तेरी ही आचरण में रहूँ |
कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर
कवि परीचय : शांत स्वभाव के रहने वाले नितीश कुमार बिहार के गया जिले से अपनाघर में पढ़ाई के लिए आय हैं | कवितायेँ भी अच्छी -अच्छी लिखने लगे हैं २०१६ में पहली कविता लिखी थी और आज उससे बेहतर |
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्रिय नितीश - बहुत ही अच्छी कविता लिखी आपने वो भी बड़े ही सार्थक सुंदर भावों के साथ | भविष्य के साहित्य जगत को आप जैसे होनहार चिन्तक , कवियों से बड़ी आशाये है | लिखते रहो और खूब नाम रोशन करो | सस्नेह शुभकामना आपको -- उज्जवल भविष्य के लिए |
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंDhruv Singh जी, सुशील कुमार जोशी जी, सुधा देवरानी जी, ओंकार जी, बेनामी जी और ज्योति जी आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया इस ब्लाग पर आने के लिए. आपकी शुभकामनायें और टिप्पणियाँ निश्चित तौर पर इन बच्चों को और रचनाएँ लिखने के लिए उत्साहित करने के साथ साथ इनके साहित्य पथ पर रौशनी देती रहेंगी....बाल सजग टीम
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