शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017

कविता : घबराइए मत

" घबराइए मत "

अगर ख्याल हो बड़ी तो घबराइए मत,
लाखो सपने पहले से ही सजाइये मत | 
मेहनत और लगन बरक़रार रखिये,
 अगर कदम रखा है अपने हौसलों से | 
तो वापसक़दमों को  लौटाइये मत, 
कुछ चलने के बाद विचार मन में आएंगे | 
लेकिन उन विचारों से लडख़ड़ाईये मत | | 

कवि : देवराज कुमार  ,कक्षा : 8th ,अपनाघर 


कवि परिचय : यह हैं देवराज कुमार ,कक्षा ५ से ७ तक इनमें एक ऐसी सिखने की लगन जाग उठी है कि  हर वक्त कुछ नया सिखने की कोशिश करते हैं चाहे वह डांस करना हो या फिर किसी प्रोग्राम में ऐंकरिंग करना हो इसके लिए हमेशा आगे रहते हैं |  खेल में भी बहुत अच्छे हैं | कवितायेँ तो गजब की लिखते हैं | 

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