" नोटबन्दी "
लोग हो गए हैं बेहाल,
पुराने नोटों का हुआ हलाल |
अमीर हो गए बेमिशाल ,
गरीब हो गए लालम - लाल |
क्योंकि पुराने नोटों के हो गए जमाना,
लोग एक - दूजे के हुए परमाना |
मोदी ने किया पुराने नोटों का खात्मा,
काले धंदे वालों की शांत हुई आत्मा |
कवि : कामता कुमार , कक्षा : 6th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह कामता कुमार हैं ये बिहार से आये हुए हैं | अपनाघर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है जितना की कविता लिखने में है | कक्षा 6th के छात्र हैं | इनका परिवार ईंट भट्ठों में मज़दूरी का कार्य करते हैं |
वाह ! आप तो व्यंग्य भी कर लेते हैं ।
जवाब देंहटाएंकाले धंदे वाले की शांत हुई आत्मा !!!
बेटा, शांत हुई या अशांत ये तो काले धंदे वाले ही जानें !
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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