मंगलवार, 5 सितंबर 2017

कविता : स्वच्छ भारत

" स्वच्छ भारत "

चलो - चलो यारा कुछ नया करें ,
गन्दगी को इस देश से साफ करें | 
भूलने की बीमारी को छोड़कर,
नदियों से नहर को मोड़कर |  | 
चलो - चलो यारों कुछ नया करें, 
इस देश को गन्दगी से मुक्त करें | 
न लगा सकते हो झाड़ू, 
तो लगाओ पेड़ मेरे यारो | 
गन्दगी साफ होगी सचमुच, 
साफ हो जाएंगी दिशा चारो| 
चलो - चलो यारो कुछ नया करें | |

  कवि : समीर कुमार , कक्षा: 7th , अपनाघर


कवि परिचय : यह समीर कुमार हैं |गाना  इनका पसंदीदा चीज है जिसको हर समय गुनगुना रहते हैं | कवितायेँ भी बहुत अच्छे लिखते है  | इलाहबाद के रहने वाले हैं इनके माता - पिता को इनसे बहुत सारी उम्मीदें हैं  क्योंकि यह पहली जनरेसन है जो पढ़ाई कर रही है | 

12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर लिखा है आपने।

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ०६ नवंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

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  3. बहुत सुंदर संदेश देती आपकी कविता समीर,मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ एवं खूब सारा आशीष।

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  4. समीर बहुत सुन्दर‎ संदेश है आपकी कविता . सस्नेह आशीर्वाद .

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  5. वाह बहुत ही सुन्दर एवं प्रेरक रचना ! स्वच्छता के लिए प्रेरित करती और वृक्षारोपण की चर्चा कर हरियाली बढ़ाने का सन्देश देती बहुत ही सार्थक रचना ! शाबाश समीर ! हार्दिक शुभकामनाएं बेटा !

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  6. वाह ! बेहतरीन प्रस्तुति ! बहुत खूब समीर बाबू ।
    ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ।

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  7. सम्पूर्ण सत्ताएं एक ही परम सत्ता और सम्पूर्ण भाव एक ही परम भाव के अंतर्भूत है. उन परम भावों का प्रादुर्भाव बालपन के उर्वरा प्रांगण में होता है. इसी बात को महाकवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने कहा " Child is the father of man " और इसी बात को प्रमाणित किया है आपने अपनी इस रचना में!!! बधाई, आभार और शुभकामनाएं कि सृष्टि के आप सरीखे नव प्रसूनों के सुवास से साहित्य का आंगन सर्वत्र और सर्वदा सुरभित होते रहे!!!! यूँ ही लिखते रहें , सीखते रहें और साहित्याकाश में दीखते रहें !!!!

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  8. बहुत सुन्दर भाव ....स्वच्छ भारत का खूबसूरत सपना पूरे देश की समीर बनेगा तो निस्संदेह भारत स्वच्छ होगा ही...
    बहुत बहुत बधाई, शुभकामनाएं....

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  9. भूलने की बीमारी को छोड़कर,
    नदियों से नहर को मोड़कर |
    चलो - चलो यारों कुछ नया करें,
    इस देश को गन्दगी से मुक्त करें |

    Wahhh। आप तो बहुत अच्छा लिखते हैं कविवर। बहुत ख़ूब

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  10. वाह! समीर बहुत खूब !!बहुत सुंदर सपना है चलो सब मिलकर इसे पूरा करे।

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  11. बहुत सुंदर ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ

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  12. बहुत सुन्दर...
    साधुवाद...
    सादर..

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