रविवार, 3 सितंबर 2017

कविता : आज़ाद

" आज़ाद "  

आज़ाद रहना है मुझे 
आज़ाद जीना है मुझे | 
कुर्बानियों से न घबराते, 
ख़ुशी - ख़ुशी अपने जान दे जाते | 
हर मुश्किल का सामना कर पाते, 
हौशले को कभी न हारने देते|  
 आज़ाद ही नाम कहलाते,
आज़ाद जीने है मुझे | 
आज़ाद मरना है मुझे | | 
कवि : नितीश कुमार ,कक्षा : 7th , अपनाघर 
कवि परिचय : यह नितीश कुमार बिहार के गया जिले से हैं | यह  पढ़ाई मेंबहुत अच्छे हैं हमेशा स्पेस के बारे में रूचि रखते हैं और एक अस्ट्रोनॉमर बनना चाहते हैं | कविता भी बहुत अच्छे से लिखते हैं | यह बहुत ही गंभीर रहते हैं |  

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