शनिवार, 7 जनवरी 2017

कविता: ईद

"ईद"
आओ भाई सब ईद मनाएं ,
मिलकर हम खुशियां मनाएं
गले मिले आज कुछ इस तरह ,
कि हिन्दू-मुस्लिम को भूल जाएं । 
वर्षों से था जिसका इंतजार ,
वो आई है ईद कई महिनों बाद । 
आओ अब इंतजार ख़त्म करो,
सेवईयां खाकर ईद मिलन करो

कवि: नितीश कुमार, कक्षा 6th, कानपुर

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