रविवार, 4 मई 2014

कविता: सपनों में खिला एक फूल

फूल 

सपनों में खिला एक फूल..
लगता है कितना प्यारा,
हंसती मुस्कराती  मेरे पलकों पर,
दिल के किसी कोने को छू जाती..
चमका रहती हमेशा उस पर,
मेरे मन के विचार को घुमाती..
सपनों में खिला एक फूल,
क्या क्या सपने दिखाती ...
इसी फूल से बनता बगीचा,
चम-चमाता रहता फूल..
नितीश कुमार, Class 4th
"अपना घर", कानपूर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें