रविवार, 23 सितंबर 2012

शीर्षक :- स्वत: के नजारे में


स्वत: के नजारे में 
ख्यालों  की बारिश  में , 
बारिश  के   झोंके  में । 
पसीने मे लतपत ,
उस नज़ारे को देखने में । 
प्रार्थना की खुदा से ,
उन्हें लाने  की ।
वो तो नहीं आये ,
ख्यालों  के सपनों में । 
बारिश  की कोई सीमा न रही ,
जिनको आना था ।
ख़ुदा की दुआ से ,
जिनके ख्यालों मे ।
डूबे थे हजारों  लोग ,
उनके आने के ख्यालों में  ही ।
बारिश के नज़ारे थे ,
वो जो पड़े थे ।
उनके ख्यालों में ,
वे ही बूंदों का मजा ले रहे थे ।
रास्ते में  चलते हुये ,
हाथों  में  हाथ लिये ।
बालों  को सहलाते हुये , 
ख्यालों की बूंदो से ।
स्वतः  को ही वे ,
गम  के बूँद पिला रहे थे  ।

                                        नाम :  अशोक कुमार 
                       कक्षा : 10
                                                       अपना घर ,कानपुर 

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