गुरुवार, 27 सितंबर 2012

शीर्षक :-नेता




 शीर्षक :-नेता
रात मे एक ,
घनघोर  अँधेरे ।
कुछ आये मच्छर ,
पैसा बटोरे ।
उसने    मेरे हाथ मे,
 एक गड्डी जो  थमाई ।
 आने वाले पाँच साल की ,
 कुर्सी उसने हथियाई ।
 पाने के बाद कुर्सी,
 उसने  ऐसा हड़कंप मचाया ।
 आने वाली सुबह को ,
  न आये आंसू न  जा रहा रोया ।
  अब  तो है  केवल उनके ,
  सिर पर भय सवार ।
  बैठा था इन पांच सालो में ,
  जो नेता हाथ - पांव पसार ।
  उसने अपना मुंह ऐसा  फाड़ा ,
  और ऐसा पांव पसारा ।
  उस नेता के चक्कर मे,
  अपना देश फंसा बेचारा ।
  एक रात ............
  घनघोर  अँधेरे।
    आये मच्छर ,
      पैसा बटोरे ।
  
 नाम :सोनू कुमार 
कक्षा :11
अपना घर ,कानपुर 
  

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