सोमवार, 23 जुलाई 2012

शीर्षक :- साँझ

शीर्षक :- साँझ 
साँझ ढले आती है मस्ती....
जगमग-जगमग करती है बस्ती,
गुनगुन गाना गाती है....
साँझ ढले की बात निराली,
बात की रात होती है काली....
बस्ती में हम सब करते है मस्ती,
साँझ ढले आती है मस्ती....
जगमग-जगमग करती है बस्ती,

कवि : मुकेश कुमार 
कक्षा :11 
अपना घर 

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