शनिवार, 21 जुलाई 2012

शीर्षक :- बचपन

शीर्षक :- बचपन 
दो साल का बच्चा होते देर नहीं....
इस छोटे से बचपन में,
कापियाँ और किताबों का भार....
हमारे सर बांध देते हैं,
बचपन की जिन्दगी तो....
खेलने की होती है,
लेकिन हमारे माँ बाप....
खेलने कहाँ देते हैं,
बस उनका तो एक ही सपना होता है....
मेरा बेटा आगे चलकर इंजीनियर बनेगा,
कवि : जितेन्द्र कुमार 
कक्षा : 9 
अपना घर  

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