शनिवार, 19 मई 2012

कविता :- वीरों की कहानी

वीरों की कहानी 
कविता मेरी बड़ी सायानी....
पढ़ लो तो याद आ जाये वीरों की कहानी,
समझ में नहीं आता है....
इस कविता में लिखूं मैं किसकी कहानी,
भारत को आजाद करानें में....
थे  दो दल पहला नरम दूसरा गरम,
लड़े सही जमकर....
पाई आजादी खुशियाँ मनाई जमकर,
भारत को आजाद कराने में....
हो गए वतन पर निछावर,
कुछ भी न सही....
फिर भी याद करो वीरों की कुर्बानी,
नाम : हंसराज कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें