शनिवार, 14 अप्रैल 2012

कविता :-बात

बात 
चलो चलो...
करते हैं कुछ छुप छुप के बात,   
कैसे कटती है यह रात....
करते हैं कुछ ऐसी बात,
बात भी क्या बात है....
समझने में कुछ खास है,  
यह संसार बात से बना....
बात में कुछ खास नहीं,
बात बिलकुल बेकार है....
जिसको सुनने को कोई नहीं है तैयार,
चलो चलो....
करते हैं कुछ छुप छुप के बात, 
 नाम:-अशोक कुमार
कक्षा :9 
अपना घर
 
 

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