मन को जान लूँ
कविता मैं सोच रहा था ,
मन की बाते खोज रहा था....
बातों को गहराई से सोचने लगा ,
कविता भी मेरी आगें बनती गयी .....
सोचा मैने और कविता को बडाऊ,
जिससे की थोड़ा मैं और दिमाग को लड़ाऊ ......
कविता मैं सोच रहा था ,
मन की बातें सोच रहा था......
कविता मैं सोच रहा था ,
मन की बाते खोज रहा था....
बातों को गहराई से सोचने लगा ,
कविता भी मेरी आगें बनती गयी .....
सोचा मैने और कविता को बडाऊ,
जिससे की थोड़ा मैं और दिमाग को लड़ाऊ ......
कविता मैं सोच रहा था ,
मन की बातें सोच रहा था......
लेखक : लवकुश कुमार
कक्षा : 8
अपना घर
man bada chanchal hota hai ------bahut achchi hai kavita aapki
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