गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

कविता : शोर

 शोर 

देखो शोर सुन लो शोर !
सुबह-सुबह चिड़ियों का शोर !!
सुन लो घर में बच्चों का शोर !
हर तरफ शोर ही शोर !!
स्कूल जाते समय वाहनों का शोर !
कक्षा में हैं बच्चों का शोर !!
टीचर डांटें तो उसका शोर !
चारो ओर शोर ही शोर !!

लेखक : हंसराज कुमार 
कक्षा : 8 
अपना घर  

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