रविवार, 6 नवंबर 2011

कविता : नहीं मिलेगी अब सजा

नहीं मिलेगी अब सजा 

सुनों-सुनों सब भाई बहना ,
सावधान तुम रहना ....
क्योंकि ठंडी आने वाली है,
सबको थर-थर कपाने वाली है.......
ठंडी का मौसम है सुहाना,
सब मिलकर अब गाओ गाना .......
ठंडी में है अब बहुत मजा,
क्योंकि स्कूल में नहीं मिलेगी सजा.......


लेखक : मुकेश कुमार 
कक्षा : 10 
अपना घर 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें