मंगलवार, 5 जुलाई 2011

कविता : आज मानव


आज मानव 

आज का मानव बहुत खराब,
पीता है दिन-रात शराब .....
पैसों को खूब उडाता है ,
पैसों से शराब पी जाता है ....
मानव के पास पैसा न होने पर ,
पत्नी से झगड़ा करता है ....
आज का मानव,मानव नहीं ,
वह दानव बन गया है  .....
आज का मानव बहुत खराब ,
पीता है, दिन-रात शराब  .....

लेखक : मुकेश कुमार 
कक्षा : 10
अपना घर   

2 टिप्‍पणियां:

  1. आप का बलाँग मूझे पढ कर आच्चछा लगा , मैं बी एक बलाँग खोली हू
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/

    मै नइ हु आप सब का सपोट chheya
    joint my follower

    जवाब देंहटाएं