बुधवार, 6 अप्रैल 2011

कविता : सुबह की बात

 सुबह की बात 

सुबह की है बात निराली  ,
घासों में छा जाती है हरियाली ....
जब हम बच्चे चलते हैं उस पर ,
तब आती है मन में खुशहाली .....
और सब बच्चों की भर जाती झोली ,
तब सब मिलकर खेलते हैं होली .....
सुबह की हैं बात निराली ,
घासों में छा जाती है हरियाली ......

लेखक : सागर कुमार 
कक्षा : 7
अपना घर 

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