कविता -सुनो -सुनो
सुनो- सुनो मेरे प्यारे भाइयों,
गन्दगी को दूर हटाना हैं ....
अपने कानपुर को स्वस्थ बनाना हैं,
गन्दगी को रास्ते में मत फैलाओ ....
गन्दगी अगर पड़ी हो उसको दूर हटाओ,
अपने कानपुर का अच्छा निर्माण कराओ....
गन्दगी को दूर हटाओ- गन्दगी को दूर हटाओ,
गन्दगी को दूर करने में सब का हाथ बटाओ ....
प्रदूषित रहित कानपुर हो जायेगा,
तब खुशहाल कानपुर कहलायेगा .....
जल प्रदूषण ,वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण को दूर हटायेगे,
कानपुर को स्वस्थ बनायेगे ....
पेड़ -पौधे खूब लगायेगे,
पानी खूब बरसायेगे....
शुध्य हवा हम पायेगे,
और स्वथ्य कानपुर बनायेगे....
सुनो- सुनो मेरे प्यारे भाइयो ,
गन्दगी को दूर हटाना हैं ....
अपने कानपुर को स्वथ्य बनाना हैं.....
लेखक - मुकेश कुमार
कक्षा - ९ अपना घर , कानपुर
कानपुर तो बहुत गन्दा शहर है...मैं तो वहीँ चार साल थी. पर कविता अच्छी है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएं