रविवार, 2 जनवरी 2011

कविता : सबका है सबसे मतलब

सबका है सबसे मतलब

फूल हैं हम क्या फूल है हम ।
खुशबू देते सबको हम ॥
सभी घरों की सजावट हमीं से होती ।
फूलों की माला हमसे ही बनती ॥
जिस तरह से आसमान में तारे दिखते ।
दिन में सूर्य की रोशनी से छिप जाते ॥
सूर्य भी तो है एक तारा ।
चंदा आसमान में रात को लगता प्यारा ॥
चंदा की तो बात निराली ।
चंदा न हो तो आसमान लगता खाली-खाली ॥
सबका है सबसे मतलब ।
जैसे की मछली को है पानी से मतलब ॥


लेख़क :आशीष कुमार
कक्षा :8
अपना घर

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर

    बधाई

    नये साल की हार्दीक शुभकामनाए..

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  2. apna bachpan sabka bachpan
    pyara sa ye hota bachpan
    nayi sonch aur naye sawal
    khoje harpal khoji bachpan
    ude parindon sa ye man jab
    khuli hawa me hota bachpan

    naye saal ki shubhkamna ke saath ye bhet

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