बाल सजग
बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010
कविता; घरों में खुशहाली...
घरों
में
खुशहाली
...
हवा चल रही है
पुरवाई ।
खेतों में फैली है
हरियाली ॥
कोयल की गीत है मधुर मतवाली।
सड़कों पर बज रहे है
शहनाई ॥
घरों में बहुत है
खुशहाली।
हवा चल रही है पुरवाई ॥
लेख़क: चन्दन कुमार, कक्षा ५, अपना घर
1 टिप्पणी:
vallabh
25 दिसंबर 2010 को 6:12 pm बजे
bade din awam naye saal ki dher saari shubhkaamnayen.
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bade din awam naye saal ki dher saari shubhkaamnayen.
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