बुधवार, 8 दिसंबर 2010

कविता: बचपन के रंग ....

बचपन के रंग ....

बचपन में माँ से लड़ना झगड़ना
उसके ही हाथों से रोटी फिर खाना
उसके साथ ही चलना और घूमना
गोदी में चढ़कर उसके मचलना
पापा से झट से पैसे ले लेना
पैसे से टाफी और इमली खाना
चिढ़ना-चिढ़ाना रोना-रुलाना
लुकना-छिपना हँसना-हँसाना
माँ की गोदी था प्यारा सा पलना
पकड़े जो कोई तो धोती में छिपना
ऐसा था प्यारा सा बचपन का रंग
गुजरा था जो मेरे माँ बाप के संग

अशोक कुमार , कक्षा , अपना घर

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