छोटे पौधे कितने अच्छे ,
फूल लागे हैं कितने ....
गेंदा गुलाब हैं फूल अनेक,
बगीचे में लगते हैं सब इक....
पौधे हमें लगते अच्छे,
कितने प्यारे कितने अच्छे ....
कलियाँ खिलती खिलता फूल,
छोटे पौधे कितने अच्छे.....
पौधे हमें लगते अच्छे ,
कलियाँ खिलती खिलता फूल ....
कितने अच्छे लगते फूल....
लेख़क धर्मेन्द्र कुमार कक्षा ८ अपना घर कानपुर
main pehli baar is blog par aayi hoon, and now i am following you! Very nice effort.
जवाब देंहटाएंI have begun to write poetry for kids. have a look at my blog.
http://bachpantime.blogspot.com
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगाँधी बाबा की जय हो
इधर काफ़ी दिनों के बाद बाल सजग पर आया लेकिन बहुत ही सुन्दर रचनायें पढ़ने को मिलीं। धर्मेन्द्र जी को हार्दिक बधाई।
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