शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

कविता :लगाओ दस पेड़ हर साल

लगाओ दस पेड़ हर साल

होगें जंगल,झरने, नदी और तलाब
और होगें ये मानव
उजड़े पेड़ होंगें और खेत खलिहान
जब ये प्रक्रति होगी
करो कोई येसा काम
जिससे प्रक्रति का हो नुकसान
येसी करो प्रतिज्ञा हर साल
लगाओ दस पेड़ हर साल


लेख़क :अशोक कुमार
कक्षा :
अपना घर

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