मंगलवार, 10 अगस्त 2010

गर्मी आयी
गर्मी आयी गर्मी आयी,
गर्मी में हम रोज नहाते....
गर्मी में हम पानी पीते,
पानी पी कर प्यास बुझाते....
गर्मी आयी गर्मी आयी,
गर्मी में हम रोज नहाते....
गर्मी में हम सब के,
खूब पसीना निकले.....
गर्मी में हम पंखा चलाते,
उससे अपनी गर्मी भागते.....
फिर हम गहरी नीद में सो जाते,
गर्मी आयी गर्मी आयी.....
गर्मी में हम रोज नहाते ....
लेखक जीतेन्द्र कुमार कक्षा अपना घर कानपुर

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