ये दुनियां है एक बुनियादी जाल ,
इसके पीछे मत पड़ना वरना हो जाओगे बेहाल ....
इस दुनिया में आया जो भी ,
बुनियादी जाल में फसें वो भी ....
ये जाल है ऐसा जो कभी न टूटे ,
चाहे काटो या तोड़ो पर कभी न टूटे ....
जो इस जाल में फसा है ,
वह कभी नहीं हंसा है ....
इस जाल को कोई तो काटेगा ,
वह इस दुनियाँ से लोगो को बचायेगा ....
पर ये काम है बड़ा कठिन ,
हममें एकता हो तो यह काम हो जाए मुमकिन ,
लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :८
अपना घर
कक्षा :८
अपना घर
good massage
जवाब देंहटाएंnice poem