शुक्रवार, 18 जून 2010

कविता : मिर्चा और कददू

मिर्चा और कददू
मिर्चा भइया, मिर्चा भइया ।
कददू बोले राम-राम भइया ॥
कददू बोला मैं तुझे खा जाउंगा ।
मिर्चा बोला मैं तुझे चबा जाउंगा ॥
कददू बोला मैं इतना मोटा हूँ ।
मिर्चा बोला मैं सिर्फ छोटा हूँ ॥
मुंह में तेरे घुस जाउंगा ।
कडवाहट मुंह में फैला जाउंगा ॥
कददू यह सुनकर वहां से भागा ।
मिर्चा भइया सोकर जागा ॥

लेखक :मुकेश कुमार
कक्षा :
अपना घर

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