रोड़ों पर जल रही है बिजली ।
देखो कितनी बर्बाद हो रही है बिजली ,
बिजली को पाने के लिए ।
होते रहते शहर-गाँव में धरने तमाम ,
फिर क्यों रोड़ों पर जला रहे दिन में ।
कितनी सारी बिजली ,
बिजली से ही चल रहे कूलर येसी आदि ।
इसलिए हो रही बिजली की बर्बादी ,
लेखक :ज्ञान कुमार
कक्षा :७
अपना घर
कक्षा :७
अपना घर
सही कहा
जवाब देंहटाएंअच्छा है बिजली की बेवजह बर्बादी नहीं होना चाहिये
जवाब देंहटाएंekdam sahi kaha,gyan bhai
जवाब देंहटाएंऐसे ही लिखना पर्यावरण को बचाने में आप का भी योगदान चाहिए, अच्छी कविता.
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता...सार्थक सन्देश..बधाई.
जवाब देंहटाएं____________
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