मंगलवार, 25 मई 2010

कविता गर्मी

गर्मी
देखो कितनी हैं भीषण गर्मी भाई ,
४० साल का रीकड़ तोडा हैं भाई....
घर से बहार न निकालो भाई,
नहीं तो लू लग जायेगी....
पैसा रूपया खर्च होगा भाई,
घर का बिल बन जायेगा....
देखो कितनी हैं गर्मी भाई...
लेखक चन्दन कुमार कक्षा अपना घर कानपुर

3 टिप्‍पणियां:

  1. गर्मी में बाहर मत निकलो भाई..बढ़िया.

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  2. बहुत बढिया बेटा ऐसे ही लिखते रहो.

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  3. देखो कितनी हैं गर्मी भाई...
    " हाँ चन्दन बेटा गर्मी तो सच में बहुत ज्यादा है..."

    regards

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