शनिवार, 8 मई 2010

कविता -नया सवेरा

नया सवेरा
हुआ सवेरा निकला सूरज ,
पक्षी खेतों में जाते हैं....
खेतों में जाकर दाना खूब खाते हैं,
जब दुपहर हो जटी हैं....
पेड़ों में पक्षी बैठते हैं,
शाम को सूरज ढलता हैं....
सब पक्षी घर को जाते हैं,
बच्चों के साथ रहते हैं.....
चैन की नींद सोते हैं,
हुआ सवेरा निकला सूरज......
पक्षी खेतों में जाते हैं....

लेखक -सागर कुमार
कक्षा -६
अपना घर

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