काली रात
अधेंरी काली रात थी ।
चूहों की बारात थी ॥
बारात में चोर आये थे ।
चूहों को मार भगाए थे ॥
जब चूहे वापस आये थे ।
साथ में अपनी फौज लाये थे ॥
सब चोरों को मार भगाए थे ।
हलुआ पूड़ी खूब खाए थे ॥
अंधेरी काली रात थी ।
चूहों की बरात थी ॥
अधेंरी काली रात थी ।
चूहों की बारात थी ॥
बारात में चोर आये थे ।
चूहों को मार भगाए थे ॥
जब चूहे वापस आये थे ।
साथ में अपनी फौज लाये थे ॥
सब चोरों को मार भगाए थे ।
हलुआ पूड़ी खूब खाए थे ॥
अंधेरी काली रात थी ।
चूहों की बरात थी ॥
लेखक :सागर कुमार
कक्षा :६
अपना घर
कक्षा :६
अपना घर
बढ़िया है......."
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