शुक्रवार, 5 मार्च 2010

कविता - बाघ बचाओ

बाघ बचाओ
वन्य जीवों का पता लगाओ ,
सब मिलकर राष्ट्रीय "पशु " बाघ बचाओ
जंगलो को कटने से बचायें ,
जंगल जा -जाकर बाघों का पता लगायें
अब पूरे भारत में चौदह सौ ग्यारह बाघ बचे हैं ,
उनमें से आधे तो अभी बच्चे हैं
उन्हें बचाने के खातिर जंगल काटें ,
जगह -जगह पेड़ लगाने के लिए लोगों को बाटें
राष्ट्रीय पशु "बाघ" हम सब को बचना है ,
जंगलों को हरा-भरा और बनाना है

लेखक :आशीष सिंह
कक्षा :
अपना घर

4 टिप्‍पणियां:

  1. वन्य जीवों का पता लगाओ ,
    सब मिलकर राष्ट्रीय "पशु " बाघ बचाओ
    " अच्छा और महत्वपूर्ण संदेश देती सुन्दर बाल कविता.."
    regards

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  2. बाघ बचाओ बाघ बचाओ
    बाघ है अनमोल
    ना मारो बाघों को
    जानो इनका मोल

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