बाल सजग
बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
शनिवार, 13 फ़रवरी 2010
कविता -जिसके पास सब कुछ है
जिसके
पास
सब
कुछ
है
चल
पड़ा
है
अपने
साधन
से ।
रोड़
के
किनारे
से ॥
अपने
दफ्तर
की
ओर
को ।
मस्ती
से
जा
रहा
है ॥
गाना
सुनते
हुए ।
मोबाइल
जेब
में
डाले
हुए ॥
चला
जा
रहा
है ।
मस्ती
से
गाना
सुनते
हुए ॥
अपने
दफ्तर
की
ओर
को ।
जिसके
पास
सब
कुछ
है
॥
लेखक
-
अशोक
कुमार
कक्षा
-
७
अपना
घर
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