बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

कविता -औरत ने जन्म दिया बच्चे को

औरत ने जन्म दिया बच्चे को
प्रकृति ने रचा है पृथ्वी को ,
औरत ने जन्म दिया है बच्चे को ।
बच्चों को किसी तरह पाल-पोषकर बढ़ा सकें ,
ताकि बच्चे बड़ें होकर माँ को आराम दें सकें ।
पर आज के युग में बच्चे ऐसा करते नहीं ,
माँ बाप के कहने पर चलते नहीं ।
जो मन में आये वही करते हैं ,
जुआँरी ,शराबी तभी तो बनते हैं ।
लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :
अपना घर

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही। मां का ध्यान और उनकी सुनना तो महत्वपूर्ण है सही इन्सान बनने के लिये।

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  2. बहुत सही बात लिखा है आशीष,जिन कंधो से हम दुनिया देखते है उन ही को समय पड़ने पर सहारा नहीं देते है,धयाबाद एक बार फिर से

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