सोमवार, 4 जनवरी 2010

कविता - तैयार

तैयार
हम रहते हैं हमेशा तैयार ।
परीक्षा में नंबर लायेंगे हजार ॥
हम अपने वतन का नाम लेगे बार- बार ।
हम रहते हैं हमेशा तैयार ॥
हम लोगों से कहवायें बार- बार ।
जय- जय भारत महान ॥
हम अपने सर-जमीं के है पूरा हक़दार ।
चाहें मिट जाएँ चाहें लुट जाएँ ॥
लेकिन वतन का झंडा नहीं देगें गिरने एक भी बार ।
परीक्षा में नम्बर लायेंगे हजार ॥
अपने वतन का नाम लेगें बार- बार ।
हम रहते हैं हमेशा तैयार ॥

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