रविवार, 25 अक्टूबर 2009

कविता: पेन

पेन

पेन हमारा कितना प्यारा,
तुम हो हम सबका सहारा...
तुम से हम सब लिखा पढ़ी करते,
तुमसे ही हिसाब किताब रखते...
पेन हमारा कितना प्यारा,
तुम हो हम सबका सहारा...
पेन जिस कागज पर चलता,
समझो वो तो कभी मिटता...
पेन है हरदम संग संग रहता,
सभी का प्यारा दोस्त है बनता...
पेन हमारा कितना प्यारा,
तुम हो हम सबका सहारा...
पेन खरीदता है हर कोई,
बच्चे बूढे और हो कोई...
साथी है सबके जीवन का,
नीले पीले और सतरंगी सा....
पेन हमारा कितना प्यारा,
तुम हो हम सबका सहारा....

लेखक : सागर कुमार, कक्षा , अपना घर

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