शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009

कविता: सूर्य

सूर्य

सूर्य एक तारा है,
यह उजाले का सहारा है...
इससे रोशनी पाती दुनिया है,
सौर मंडल की मज़ेदार दुनिया है...
सूर्य होता आज अगर,
हम होते दुनिया पर...
सूर्य तो जान से प्यारा है,
चाहता इसको संसार सारा है...
जिन्दगी का बहता जो धारा है,
इसकी वजह सूर्य हमारा है....
लेखक: सोनू कुमार, कक्षा , अपना घर



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