गुरुवार, 17 सितंबर 2009

कविता: प्रार्थना

प्रार्थना

हे प्रभू....
हम है तेरे बंधू,
घूम रहे है लिए तम्बू...
दे दो हमको काम और ज्ञान,
रहे हम घर परिवार के साथ...
हम है तेरे बन्दे और बंधू,
फ़िर क्यो लिए घूम रहे है तम्बू...
दे दो हमको ऐसा ज्ञान,
घूम के बांटे सबको ज्ञान....
भगवन तुम तो हो सूपर,
एक छत कर दो हमारे ऊपर...
करेंगे ज्ञान का प्रचार,
होगा अच्छाई का प्रसार...
इतन सा तू कर दे काम,
लेंगे हरपल तेरा नाम....

लेखक: अशोक कुमार, कक्षा , अपना घर

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