गुरुवार, 24 सितंबर 2009

कविता: जल का न करे दुरूपयोग

जल का करे दुरूपयोग

जल ही जीवन है हम सबका,
कभी करे दुरूपयोग इसका....
जल बिन जीवन होगा कैसा,
बंजर धरती बिन प्राणी जैसा....
आओ हम मिल सरंक्षण करे इसका,
जल ही जीवन है हम सबका....
आओ मिल पानी की बूंद बचाए हम,
जीवन के सबको सुखी बनाये हम....
जल के दुरूपयोग को मिल रोके हम,
दुनिया के जीवन आगे बढाये हम....
जल का है महत्त्व बड़ा,
इससे ही हर चीज खड़ा...
जल का हम सब करते उपयोग,
इसलिए कभी करे इसका दुरूपयोग.....

लेखक: धर्मेन्द्र कुमार, कक्षा , अपना घर

1 टिप्पणी:

  1. वाह धर्मेन्द्र ने तो बहुत ही अच्छी सन्देशपरक कविता लिखी है।बधाई।
    हेमन्त कुमार

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