रविवार, 20 सितंबर 2009

कवि़त: आओ - आओ नाव में बैठो

आओ - आओ नाव में बैठो

आओ -आओ बच्चों आओ,
नाव में बैठो मजे उडाओं...
पानी देखो मछली देखो,
उपर देखो नीचे देखो...
आओ - आओ भाग के आओ,
नाव में जल्दी बैठ भी जाओ...
पानी की लहरों को देखो,
मछली की चहलों को देखो...
देखो - देखो बच्चों देखो,
आओ मिलके इनसे सीखो...
कहाँ है बगुला कहाँ है कछुआ,
ये मिलकर सब पता लगाओ...
जल्दी आओ जल्दी आओ,
नाव में बैठे मजे उडाओं...

लेखक: ज्ञान कुमार, कक्षा , अपना घर

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