एक बोलो एक
एक बोलो एक उड़ती चिरैया देख।
दो बोलो दो हाथ साफ से धो॥
तीन बोलो तीन बच्चों बजाओ बीन।
चार बोलो चार आ चलें बाजार॥
पॉँच बोलो पॉँच आ बंदरिया नाच।
छ: बोलो छ: सब बच्चों की जय॥
सात बोलो सात आ चले बारात।
आठ बोलो आठ बच्चों बिछाओ खाट॥
नौ बोलो नौ गिनती सीखो सौ।
दस बोलो दस बच्चों चलाओ बस॥
एक बोलो एक उड़ती चिरैया देख।
दो बोलो दो हाथ साफ से धो॥
तीन बोलो तीन बच्चों बजाओ बीन।
चार बोलो चार आ चलें बाजार॥
पॉँच बोलो पॉँच आ बंदरिया नाच।
छ: बोलो छ: सब बच्चों की जय॥
सात बोलो सात आ चले बारात।
आठ बोलो आठ बच्चों बिछाओ खाट॥
नौ बोलो नौ गिनती सीखो सौ।
दस बोलो दस बच्चों चलाओ बस॥
कविता: मुकेश कुमार, कक्षा ७, अपना घर
बहुत आसानी से आपने गिनती और कविता दोनो ही चीजो को सिखा दी........
जवाब देंहटाएंGinatee sikhane ka bahut badhiya tareeka..achchha laga.
जवाब देंहटाएंHemantKumar